Jesus Hindi

भजन संहिता 68

 इस्राएल का विजयगान

प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत

भजन संहिता 68

1 परमेश्वर उठे, उसके शत्रु तितर-बितर हों; और उसके बैरी उसके सामने से भाग जाएँ!
2 जैसे धुआँ उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; जैसे मोम आग की आँच से पिघल जाता है, वैसे ही दुष्ट लोग परमेश्वर की उपस्थिति से नाश हों।
3 परन्तु धर्मी आनन्दित हों; वे परमेश्वर के सामने प्रफुल्लित हों; वे आनन्द में मगन हों!
4 परमेश्वर का गीत गाओ, उसके नाम का भजन गाओ; जो निर्जल देशों में सवार होकर चलता है, उसके लिये सड़क बनाओ; उसका नाम याह है, इसलिये तुम उसके सामने प्रफुल्लित हो!
5 परमेश्वर अपने पवित्र धाम में, अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है।
6 परमेश्वर अनाथों का घर बसाता है; और बन्दियों को छुड़ाकर संपन्न करता है; परन्तु हठीलों को सूखी भूमि पर रहना पड़ता है।
7 हे परमेश्वर, जब तू अपनी प्रजा के आगे-आगे चलता था, जब तू निर्जल भूमि में सेना समेत चला, (सेला)
8 तब पृथ्वी काँप उठी, और आकाश भी परमेश्वर के सामने टपकने लगा, उधर सीनै पर्वत परमेश्वर, हाँ इस्राएल के परमेश्वर के सामने काँप उठा। (इब्रा. 12:26, न्या 5:4-5)
9 हे परमेश्वर, तू ने बहुतायत की वर्षा की; तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तू तू ने उसको हरा-भरा किया है;
10 तेरा झुण्ड उस में बसने लगा; हे परमेश्वर तू ने अपनी भलाई से दीन जन के लिये तैयारी की है।
11 प्रभु आज्ञा देता है, तब शुभ समाचार सुनानेवालियों की बड़ी सेना हो जाती है।
12 अपनी-अपनी सेना समेत राजा भागे चले जाते हैं, और गृहस्थिन लूट को बाँट लेती है।
13 क्या तुम भेड़शालों के बीच लेट जाओगे? और ऐसी कबूतरी के समान होगे जिसके पंख चाँदी से और जिसके पर पीले सोने से मढ़े हुए हों?
14 जब सर्वशक्तिमान ने उसमें राजाओं को तितर-बितर किया, तब मानो सल्मोन पर्वत पर हिम पड़ा।
15 बाशान का पहाड़ परमेश्वर का पहाड़ है; बाशान का पहाड़ बहुत शिखरवाला पहाड़ है।
16 परन्तु हे शिखरवाले पहाड़ों, तुम क्यों उस पर्वत को घूरते हो, जिसे परमेश्वर ने अपने वास के लिये चाहा है, और जहाँ यहोवा सदा वास किए रहेगा?
17 परमेश्वर के रथ बीस हजार, वरन् हजारों हजार हैं; प्रभु उनके बीच में है, जैसे वह सीनै पवित्रस्थान में है।
18 तू ऊँचे पर चढ़ा, तू लोगों को बँधुवाई में ले गया; तू ने मनुष्यों से, वरन् हठीले मनुष्यों से भी भेंटें लीं, जिस से याह परमेश्वर उनमें वास करे। (इफि. 4:8)
19 धन्य है प्रभु, जो प्रतिदिन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उद्धारकर्ता परमेश्वर है। (सेला)
20 वही हमारे लिये बचानेवाला परमेश्वर ठहरा; यहोवा प्रभु मृत्यु से भी बचाता है।
21 निश्चय परमेश्वर अपने शत्रुओं के सिर पर, और जो अधर्म के मार्ग पर चलता रहता है, उसका बाल भरी खोपड़ी पर मार-मार के उसे चूर करेगा।
22 प्रभु ने कहा है, “मैं उन्हें बाशान से निकाल लाऊँगा, मैं उनको गहरे सागर के तल से भी फेर ले आऊँगा,
23 कि तू अपने पाँव को लहू में डुबोए, और तेरे शत्रु तेरे कुत्तों का भाग ठहरें।”
24 हे परमेश्वर, तेरी गति देखी गई, मेरे परमेश्वर, मेरे राजा की गति पवित्रस्थान में दिखाई दी है;
25 गानेवाले आगे-आगे और तारवाले बाजों के बजानेवाले पीछे-पीछे गए, चारों ओर कुमारियाँ डफ बजाती थीं।
26 सभाओं में परमेश्वर का, हे इस्राएल के सोते से निकले हुए लोगों, प्रभु का धन्यवाद करो।
27 वहाँ उनका अध्यक्ष छोटा बिन्यामीन है, वहाँ यहूदा के हाकिम अपने अनुचरों समेत हैं, वहाँ जबूलून और नपताली के भी हाकिम हैं।
28 तेरे परमेश्वर ने आज्ञा दी कि तुझे सामर्थ्य मिले; हे परमेश्वर जो कुछ तू ने हमारे लिये किया है, उसे दृढ़ कर।
29 तेरे मन्दिर के कारण जो यरूशलेम में हैं, राजा तेरे लिये भेंट ले आएँगे।
30 नरकटों में रहनेवाले बनैले पशुओं को, साँडों के झुण्ड को और देश-देश के बछड़ों को झिड़क दे। वे चाँदी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; जो लोगे युद्ध से प्रसन्न रहते हैं, उनको उसने तितर-बितर किया है।
31 मिस्र से अधिकारी आएँगे; कूशी अपने हाथों को परमेश्वर की ओर फुर्ती से फैलाएँगे।
32 हे पृथ्वी पर के राज्य-राज्य के लोगों परमेश्वर का गीत गाओ; प्रभु का भजन गाओ, (सेला)
33 जो सब से ऊँचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है।
34 परमेश्वर की सामर्थ्य की स्तुति करो, उसका प्रताप इस्राएल पर छाया हुआ है, और उसकी सामर्थ्य आकाशमण्डल में है।
35 हे परमेश्वर, तू अपने पवित्रस्थानों में भययोग्य है, इस्राएल का परमेश्वर ही अपनी प्रजा को सामर्थ्य और शक्ति का देनेवाला है। परमेश्वर धन्य है।
भजन संहिता 1 भजन संहिता 2 भजन संहिता 3 भजन संहिता 4 भजन संहिता 5 भजन संहिता 6 भजन संहिता 7 भजन संहिता 8 भजन संहिता 9 भजन संहिता 10 भजन संहिता 11 भजन संहिता 12 भजन संहिता 13 भजन संहिता 14 भजन संहिता 15 भजन संहिता 16 भजन संहिता 17 भजन संहिता 18 भजन संहिता 19 भजन संहिता 20 भजन संहिता 21 भजन संहिता 22 भजन संहिता 23 भजन संहिता 24 भजन संहिता 25 भजन संहिता 26 भजन संहिता 27 भजन संहिता 28 भजन संहिता 29 भजन संहिता 30 भजन संहिता 31 भजन संहिता 32 भजन संहिता 33 भजन संहिता 34 भजन संहिता 35 भजन संहिता 36 भजन संहिता 37 भजन संहिता 38 भजन संहिता 39 भजन संहिता 40 भजन संहिता 41 भजन संहिता 42 भजन संहिता 43 भजन संहिता 44 भजन संहिता 45 भजन संहिता 46 भजन संहिता 47 भजन संहिता 48 भजन संहिता 49 भजन संहिता 50 भजन संहिता 51 भजन संहिता 52 भजन संहिता 53 भजन संहिता 54 भजन संहिता 55 भजन संहिता 56 भजन संहिता 57 भजन संहिता 58 भजन संहिता 59 भजन संहिता 60 भजन संहिता 61 भजन संहिता 62 भजन संहिता 63 भजन संहिता 64 भजन संहिता 65 भजन संहिता 66 भजन संहिता 67 भजन संहिता 68 भजन संहिता 69 भजन संहिता 70 भजन संहिता 71 भजन संहिता 72 भजन संहिता 73 भजन संहिता 74 भजन संहिता 75 भजन संहिता 76 भजन संहिता 77 भजन संहिता 78 भजन संहिता 79 भजन संहिता 80 भजन संहिता 81 भजन संहिता 82 भजन संहिता 83 भजन संहिता 84 भजन संहिता 85 भजन संहिता 86 भजन संहिता 87 भजन संहिता 88 भजन संहिता 89 भजन संहिता 90 भजन संहिता 91 भजन संहिता 92 भजन संहिता 93 भजन संहिता 94 भजन संहिता 95 भजन संहिता 96 भजन संहिता 97 भजन संहिता 98 भजन संहिता 99 भजन संहिता 100 भजन संहिता 111 भजन संहिता 112 भजन संहिता 113 भजन संहिता 114 भजन संहिता 115 भजन संहिता 116 भजन संहिता 117 भजन संहिता 118 भजन संहिता 119 भजन संहिता 120 भजन संहिता 121 भजन संहिता 122 भजन संहिता 123 भजन संहिता 124 भजन संहिता 125 भजन संहिता 126 भजन संहिता 127 भजन संहिता 128 भजन संहिता 129 भजन संहिता 130 भजन संहिता 131 भजन संहिता 132 भजन संहिता 133 भजन संहिता 134 भजन संहिता 135 भजन संहिता 136 भजन संहिता 137 भजन संहिता 138 भजन संहिता 139 भजन संहिता 140 भजन संहिता 141 भजन संहिता 142 भजन संहिता 143 भजन संहिता 144 भजन संहिता 145 भजन संहिता 146 भजन संहिता 147 भजन संहिता 148 भजन संहिता 149 भजन संहिता 150

11 thoughts on “भजन संहिता 68”

Leave a Comment