अय्यूब 25
शूही बिल्दद का वचन अय्यूब 25 1 तब शूही बिल्दद ने कहा, 2 “प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम हैa;वह अपने ऊँचे-ऊँचे स्थानों में शान्ति रखता है। 3 क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती?और कौन है जिस पर उसका प्रकाश नहीं पड़ता? 4 फिर मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है?और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ … Read more