Jesus Hindi

अय्यूब 17

 अय्यूब की प्रार्थना अय्यूब 17 1 “मेरा प्राण निकलने पर है, मेरे दिन पूरे हो चुके हैं;मेरे लिये कब्र तैयार है।2 निश्चय जो मेरे संग हैं वह ठट्ठा करनेवाले हैं,और उनका झगड़ा-रगड़ा मुझे लगातार दिखाई देता है।3 “जमानत दे, अपने और मेरे बीच में तू ही जामिन हो;कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे?4 तूने उनका मन समझने … Read more

अय्यूब 16

 अय्यूब का उत्तर अय्यूब 161 तब अय्यूब ने कहा,2 “ऐसी बहुत सी बातें मैं सुन चुका हूँ,तुम सब के सब निकम्मे शान्तिदाता हो।3 क्या व्यर्थ बातों का अन्त कभी होगा?तू कौन सी बात से झिड़ककर ऐसे उत्तर देता है?4 यदि तुम्हारी दशा मेरी सी होती,तो मैं भी तुम्हारी सी बातें कर सकता;मैं भी तुम्हारे विरुद्ध बातें जोड़ सकता,और तुम्हारे … Read more