Jesus Hindi

अय्यूब 15

 एलीपज का आरोप अय्यूब 15 1 तब तेमानी एलीपज ने कहा2 “क्या बुद्धिमान को उचित है कि अज्ञानता के साथ उत्तर दे,या अपने अन्तःकरण को पूर्वी पवन से भरे?3 क्या वह निष्फल वचनों से,या व्यर्थ बातों से वाद-विवाद करे?4 वरन् तू परमेश्वर का भय मानना छोड़ देता,और परमेश्वर की भक्ति करना औरों से भी छुड़ाता है।5 तू अपने मुँह से … Read more

अय्यूब 14

अय्यूब 14 1 “मनुष्य जो स्त्री से उत्पन्न होता हैa, उसके दिन थोड़े और दुःख भरे है। 2 वह फूल के समान खिलता, फिर तोड़ा जाता है; वह छाया की रीति पर ढल जाता, और कहीं ठहरता नहीं। 3 फिर क्या तू ऐसे पर दृष्टि लगाता है? क्या तू मुझे अपने साथ कचहरी में घसीटता है? 4 अशुद्ध वस्तु … Read more