Jesus Hindi

अय्यूब 11

 सोपर का तर्क अय्यूब 111 तब नामाती सोपर ने कहा,2 “बहुत सी बातें जो कही गई हैं, क्या उनका उत्तर देना न चाहिये?क्या यह बकवादी मनुष्य धर्मी ठहराया जाए?3 क्या तेरे बड़े बोल के कारण लोग चुप रहें?और जब तू ठट्ठा करता है, तो क्या कोई तुझे लज्जित न करे?4 तू तो यह कहता है, ‘मेरा सिद्धान्त शुद्ध हैऔर … Read more

अय्यूब 10

 अय्यूब का परमेश्वर से विनती  अय्यूब 10 1 “मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है;मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुढ़कुढ़ाऊँगा;और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूँगा।2 मैं परमेश्वर से कहूँगा, मुझे दोषी न ठहराa;मुझे बता दे, कि तू किस कारण मुझसे मुकद्दमा लड़ता है?3 क्या तुझे अंधेर करना,और दुष्टों की युक्ति को सफल करकेअपने हाथों के बनाए … Read more