Jesus Hindi

अय्यूब 27

अय्यूब 271 अय्यूब ने और भी अपनी गूढ़ बात उठाई और कहा,2 “मैं परमेश्वर के जीवन की शपथ खाता हूँ जिसने मेरा न्याय बिगाड़ दिया,अर्थात् उस सर्वशक्तिमान के जीवन की जिसने मेरा प्राण कड़वा कर दिया।3 क्योंकि अब तक मेरी साँस बराबर आती है,और परमेश्वर का आत्मा मेरे नथुनों में बना हैa।4 मैं यह कहता हूँ कि मेरे मुँह से … Read more

अय्यूब 26

अय्यूब का उत्तर अय्यूब 261 तब अय्यूब ने कहा,2 “निर्बल जन की तूने क्या ही बड़ी सहायता की,और जिसकी बाँह में सामर्थ्य नहीं, उसको तूने कैसे सम्भाला है?3 निर्बुद्धि मनुष्य को तूने क्या ही अच्छी सम्मति दी,और अपनी खरी बुद्धि कैसी भली भाँति प्रगट की है?4 तूने किसके हित के लिये बातें कही?और किसके मन की बातें तेरे मुँह … Read more