आमोस 1-9
आमोस 1-9
लेखक
आमो. 1:1 लेखक के रूप में भविष्यद्वक्ता आमोस की पहचान करता है। भविष्यद्वक्ता आमोस तकोआ गाँव में चरवाहों के साथ रहता था। आमोस स्पष्ट करता है कि वह भविष्यद्वक्ताओं के परिवार से नहीं था और न ही वह स्वयं को भविष्यद्वक्ता मानता था। परमेश्वर ने टिड्डियों तथा आग द्वारा दण्ड देने की चेतावनी दी थी परन्तु आमोस की प्रार्थना ने इस्राएल को बचा लिया था।
लेखन तिथि एवं स्थान
लगभग 760-750 ई. पू.
आमोस बेतेल एवं सामरिया-उत्तरी राज्य- में प्रचार करता था।
प्रापक
उत्तरी राज्य इस्राएल की प्रजा और बाइबल के भावी पाठक
उद्देश्य
परमेश्वर घमण्ड से घृणा करता है। वे लोग आत्म-निर्भर थे और परमेश्वर से प्राप्त हर एक बात को भूल गये थे। परमेश्वर सब को महत्त्व देता है, और गरीबों के साथ दुर्व्यवहार की चेतावनी देता है। आखिरकार, परमेश्वर को सत्यनिष्ठ आराधना चाहिये जिसमें उसके प्रति सम्मान का आचरण हो। आमोस के माध्यम से परमेश्वर का वचन इस्राएल के विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के विरुद्ध निर्देशित किया गया था, उनमें अपने पड़ोसी के लिए प्रेम नहीं था। वे दूसरों से लाभ उठाते थे और केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करते थे।
मूल विषय
न्याय
रूपरेखा
1. अन्यजातियों का विनाश — 1:1-2:16
2. भविष्यद्वाणी की बुलाहट — 3:1-8
3. इस्राएल का दण्ड — 3:9-9:10
4. पुनरूद्धार — 9:11-15
आमोस 2
मोआब आमोस 2 1 यहोवा यह कहता है: “मोआब के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उसने एदोम के राजा की हड्डियों को जलाकर चूना कर दिया। 2 इसलिए मैं मोआब में आग लगाऊँगा, और उससे करिय्योत के भवन भस्म हो जाएँगेa; और मोआब हुल्लड़ और ललकार, और नरसिंगे के शब्द … Read more