होशे 10
इस्राएल का पाप और उनकी बँधुवाई होशे 10 1 इस्राएल एक लहलहाती हुई दाखलता सी है, जिसमें बहुत से फल भी लगे, परन्तु ज्यों-ज्यों उसके फल बढ़े, त्यों-त्यों उसने अधिक वेदियाँ बनाईं जैसे-जैसे उसकी भूमि सुधरी, वैसे ही वे सुन्दर खम्भे बनाते गये। 2 उनका मन बटा हुआ है; अब वे दोषी ठहरेंगे। वह उनकी वेदियों को … Read more