Jesus Hindi

होशे 10

इस्राएल का पाप और उनकी बँधुवाई होशे 10 1 इस्राएल एक लहलहाती हुई दाखलता सी है, जिसमें बहुत से फल भी लगे, परन्तु ज्यों-ज्यों उसके फल बढ़े, त्यों-त्यों उसने अधिक वेदियाँ बनाईं जैसे-जैसे उसकी भूमि सुधरी, वैसे ही वे सुन्दर खम्भे बनाते गये। 2 उनका मन बटा हुआ है; अब वे दोषी ठहरेंगे। वह उनकी वेदियों को … Read more

होशे 9

इस्राएल के पाप का न्याय होशे 9 1 हे इस्राएल, तू देश-देश के लोगों के समान आनन्द में मगन मत हो! क्योंकि तू अपने परमेश्वर को छोड़कर वेश्या बनी। तूने अन्न के हर एक खलिहान पर छिनाले की कमाई आनन्द से ली है। 2 वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के … Read more