होशे 1-14
होशे
होशे 1-14
लेखक
होशे की पुस्तक के अधिकांश सन्देश होशे द्वारा कहे गए थे। हम नहीं जानते कि होशे ने स्वयं ही ये वचन लिखे थे। अति सम्भव है कि उसके अनुयायियों ने विश्वास करके कि होशे के वचन परमेश्वर प्रदत्त हैं, उन्हें लिख लिया था। होशे का अर्थ है, “उद्धार।” अन्य किसी भी भविष्यद्वक्ता से अधिक होशे ने अपने सन्देशों को अपने व्यक्तिगत जीवन से संयोजित किया था। विश्वासघाती स्त्री से जान बूझकर विवाह करना, अपनी सन्तान को ऐसे नाम देना जो इस्राएल के दण्ड के प्रतीक थे। होशे की भविष्यद्वाणी के वचन उसके पारिवारिक जीवन से प्रस्फुटित थे।
लेखन तिथि एवं स्थान
लगभग 750-710 ई. पू.
होशे के सन्देश एकत्र करके संपादित किए गए और उनकी प्रतिलिपि तैयार की गई थी। यह तो स्पष्ट नहीं है कि यह प्रक्रिया कब पूरी हुई परन्तु सम्भावना यह है कि यरूशलेम के पतन से पूर्व यह संकलन कार्य पूरा हो गया था।
प्रापक
होशे के सन्देश को सुननेवाले मूल श्रोतागण उत्तरी राज्य इस्राएल था। जब उनका पतन हुआ तब उसकी भविष्यद्वाणियों को दण्ड की चेतावनी स्वरूप सुरक्षित रखा गया- मन फिराव की पुकार और पुनरुद्धार की प्रतिज्ञा।
उद्देश्य
होशे की पुस्तक का उद्देश्य था कि इस्राएलियों को वरन् हमें भी चिताया जाए कि परमेश्वर स्वामिभक्ति चाहता है। यहोवा ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है और वह अखण्ड स्वामिभक्ति चाहता है। पाप का दण्ड मिलता है। होशे ने पीड़ादायक परिणामों- आक्रमण एवं दासत्व- की भविष्यद्वाणी की थी। परमेश्वर मनुष्य नहीं कि निष्ठा निभाने की प्रतिज्ञा करके तोड़ दे। इस्राएल के विश्वासघात के उपरान्त भी परमेश्वर उनसे प्रेम निभाता रहा- उनके पुनरुद्धार का उपाय किया। होशे और गोमेर का विवाह जो एक महत्वपूर्ण उपमा है, उसके द्वारा मूर्तिपूजक देश इस्राएल के लिए परमेश्वर का प्रेम दर्शाया गया है। इस पुस्तक के विषय हैं, पाप, दण्ड और क्षमाशील प्रेम।
मूल विषय
अविश्वासयोग्य
रूपरेखा
1. होशे की विश्वासघाती पत्नी — 1:1-11
2. इस्राएल के लिए परमेश्वर का दण्ड एवं न्याय — 2:1-23
3. परमेश्वर अपने लोगों का उद्धारक है — 3:1-5
4. इस्राएल का विश्वासघात एवं दण्ड — 4:1-10:15
5. इस्राएल के प्रति परमेश्वर का प्रेम और पुनरुद्धार — 11:1-14:9
होशे 1
होशे 1 1 यहूदा के राजा उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह के दिनों में और इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम के दिनों में, यहोवा का वचन बेरी के पुत्र होशेa के पास पहुँचा। होशे का परिवार 2 जब यहोवा ने होशे के द्वारा पहले-पहल बातें की, तब उसने होशे से यह कहा, “जाकर एक वेश्या को अपनी … Read more