अय्यूब 10
अय्यूब का परमेश्वर से विनती अय्यूब 10 1 “मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है;मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुढ़कुढ़ाऊँगा;और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूँगा।2 मैं परमेश्वर से कहूँगा, मुझे दोषी न ठहराa;मुझे बता दे, कि तू किस कारण मुझसे मुकद्दमा लड़ता है?3 क्या तुझे अंधेर करना,और दुष्टों की युक्ति को सफल करकेअपने हाथों के बनाए … Read more