अय्यूब 27
अय्यूब 271 अय्यूब ने और भी अपनी गूढ़ बात उठाई और कहा,2 “मैं परमेश्वर के जीवन की शपथ खाता हूँ जिसने मेरा न्याय बिगाड़ दिया,अर्थात् उस सर्वशक्तिमान के जीवन की जिसने मेरा प्राण कड़वा कर दिया।3 क्योंकि अब तक मेरी साँस बराबर आती है,और परमेश्वर का आत्मा मेरे नथुनों में बना हैa।4 मैं यह कहता हूँ कि मेरे मुँह से … Read more