अय्यूब 33
अय्यूब 33 1 “इसलिए अब, हे अय्यूब! मेरी बातें सुन ले,और मेरे सब वचनों पर कान लगा।2 मैंने तो अपना मुँह खोला है,और मेरी जीभ मुँह में चुलबुला रही है।3 मेरी बातें मेरे मन की सिधाई प्रगट करेंगी;जो ज्ञान मैं रखता हूँ उसे खराई के साथ कहूँगा।4 मुझे परमेश्वर की आत्मा ने बनाया है,और सर्वशक्तिमान की साँस से मुझे … Read more