विलापगीत 1
उपद्रव में यरूशलेम 1 1 जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देनेवाली हो गई है। 2 रात को वह फूट फूटकर रोती है, उसके आँसू गालों पर … Read more