भजन संहिता 84
परमेश्वर के भवन की चाहत प्रधान बजानेवाले के लिये गित्तीथ में कोरहवंशियों का भजन भजन संहिता 84 1 हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं! 2 मेरा प्राण यहोवा के आँगनों की अभिलाषा करते-करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीविते परमेश्वर को पुकार रहे। 3 हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे … Read more