भजन संहिता 36
परमेश्वर का प्रेम और मनुष्य की दुष्टता प्रधान बजानेवाले के लिये यहोवा के दास दाऊद का भजन भजन संहिता 36 1 दुष्ट जन का अपराध मेरे हृदय के भीतर यह कहता है कि परमेश्वर का भय उसकी दृष्टि में नहीं है। (रोमि. 3:18) 2 वह अपने अधर्म के प्रगट होने और घृणित ठहरने के विषय अपने मन … Read more