श्रेष्ठगीत 1
श्रेष्ठगीत 1 1 श्रेष्ठगीत जो सुलैमान का है। (1 राजा 4:32) दावत 2 वह अपने मुँह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है, 3 तेरे भाँति-भाँति के इत्रों का सुगन्ध उत्तम है, तेरा नाम उण्डेले हुए इत्र के तुल्य है; इसीलिये कुमारियाँ तुझ से प्रेम रखती हैं 4 मुझे खींच ले; हम तेरे पीछे … Read more