भजन संहिता 28
विनती और धन्यवाद दाऊद का भजन भजन संहिता 28 1 हे यहोवा, मैं तुझी को पुकारूँगा; हे मेरी चट्टान, मेरी सुनी-अनसुनी न कर, ऐसा न हो कि तेरे चुप रहने से मैं कब्र में पड़े हुओं के समान हो जाऊँ जो पाताल में चले जाते हैं। 2 जब मैं तेरी दोहाई दूँ, और तेरे पवित्रस्थान की … Read more