भजन संहिता 45
विवाह गीत प्रधान बजानेवाले के लिये शोशन्नीम में कोरहवंशियों का मश्कील प्रेम प्रीति का गीत भजन संहिता 45 1 मेरा हृदय एक सुन्दर विषय की उमंग से उमड़ रहा है, जो बात मैं ने राजा के विषय रची है उसको सुनाता हूँ; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी बनी है। 2 तू मनुष्य की सन्तानों में परम … Read more