भजन संहिता 132
मन्दिर के लिये प्रार्थना यात्रा का गीत भजन संहिता 132 1 हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर; 2 उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी है, 3 “निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूँगा, और न अपने पलंग पर चढूँगा; 4 न अपनी आँखों में … Read more