भजन संहिता 102
संकट में पड़े युवक की प्रार्थना दीन जन की उस समय की प्रार्थना जब वह दुःख का मारा अपने शोक की बातें यहोवा के सामने खोलकर कहता हो भजन संहिता 102 1 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुँचे! 2 मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी … Read more