अय्यूब 20
सोपर का तर्क अय्यूब 20 1 तब नामाती सोपर ने कहा,2 “मेरा जी चाहता है कि उत्तर दूँ,और इसलिए बोलने में फुर्ती करता हूँ।3 मैंने ऐसी डाँट सुनी जिससे मेरी निन्दा हुई,और मेरी आत्मा अपनी समझ के अनुसार तुझे उत्तर देती है।4 क्या तू यह नियम नहीं जानता जो प्राचीनऔर उस समय का हैa,जब मनुष्य पृथ्वी पर बसाया गया,5 दुष्टों … Read more